इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद केस में फैसला रखा सुरक्षित, 5 याचिकाओं पर पूरी हुई सुनवाई

By: Shilpa Fri, 08 Dec 2023 6:57:53

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद केस में फैसला रखा सुरक्षित, 5 याचिकाओं पर पूरी हुई सुनवाई

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की और से दाखिल पांच याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व किया है। इनमें दो याचिकाएं अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से सिविल वाद की पोषणीयता को लेकर दाखिल की गईं थीं।

मस्जिद कमेटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान नकवी ने दलील पेश की। उन्होंने कहा कि यह केस 1991 के प्लेसेज आफ वर्शिप एक्ट से बाधित है, इसलिए इन याचिकाओं पर ट्रायल कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकती है। निचली अदालत में मसाजिद कमेटी की आपत्ति को खारिज कर दिया था। उसी आदेश को इन याचिकाओं में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मसाजिद कमेटी की याचिकाओं पर बहस पूरी होने के बाद फैसला कोर्ट ने रिजर्व किया है।

क्या है ज्ञानवापी विवाद का पूरा मामला


गौरतलब है कि वर्ष 1991 के मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने और वहां पर पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई है। यह मुकदमा 1991 में वाराणसी के जिला अदालत में दाखिल किया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट को अपने फैसले में मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत इस मुकदमे को सुन सकती है या नहीं। इसके अलावा विवादित परिसर का एएसआई से सर्वे करने का ट्रायल कोर्ट का जो आदेश है उसके तहत आगे सर्वे किया जा सकता है या नहीं। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है।

कोर्ट ने सभी पक्षों को सुना और फैसला रिजर्व रखा


इसके साथ ही दो याचिकाएं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से भी सिविल वाद की पोषणीयता को लेकर दाखिल की गई थी। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल याचिकाओं पर अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने पक्ष रखा। इन याचिकाओं पर भी बहस पूरी होने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया गया है। जबकि, एक याचिका विवादित परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर दाखिल की गई थी, जिस पर मुस्लिम पक्ष की ओर से कोई ज्यादा बल नहीं दिया गया। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया है।

अयोध्या मामले की पैरवी कर चुके अधिवक्ता नहीं हो पाए उपस्थित

हिंदू पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय सिंह ने बहस की। ज्ञानवापी विवाद में कोर्ट से नियुक्त वाद मित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी के मुताबिक लंच के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन भी अपना पक्ष रखना चाह रहे थे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में बेहद अहम मामले की सुनवाई के चलते ऑनलाइन अपना पक्ष नहीं रख सके, जिसके चलते उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि अपना लिखित बहस कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे। बता दें कि वह अयोध्या राम जन्म भूमि मामले में भी पैरवी भी कर चुके हैं।

ज्ञानवापी मामले की सुनवाई से मीडिया को रखा गया है दूर

अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी के मुताबिक सोमवार को उनकी लिखित बहस कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी। अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी के मुताबिक, कोर्ट ने मौखिक रूप से अदालती कार्रवाई को मीडिया रिपोर्टिंग से दूर रखे जाने को कहा है, इसलिए इस बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है। लेकिन, फैसला जल्द आने की उम्मीद है और फैसला आने के बाद इस पूरे मामले की मीडिया रिपोर्टिंग भी हो सकेगी।

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